एक नया पाकिस्तान मत मांगो

तुम मुझसे मेरा हर समान मांगो 
मेरे तन का कपड़ा, मेरे हाथ की रोटी 
मेरी रगो का खून, मेरे सर की छत्त 
मेरी ज़मीन, मेरा आसमान मांगो 

और जो भी हो ख्वाहिशें, वो सब मांगो 
पर मत मांगो मुझसे हिस्सेदारी नफरत में 
मेरी रूह हो जाये लहू-लुहान
वो ज़बान मत मांगो 

मैं टूट के, बिखर के; उठ जाऊँ कंधो पे तुम्हारे 
ऐसा उफान मत मांगो 

मुझसे मेरा जहान ले लो 
पर किसी मासूम की जान मत मांगो 

मुझसे मेरा हिंदुस्तान ले लो 
पर फिर से एक नया पाकिस्तान मत मांगो

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